मंगलवार, 6 सितंबर 2016

रूह गद-गद हो गई है दातिया दर्शन करके तेरे

रूह गद-गद हो गई है दातिया दर्शन करके तेरे
तेरे ज्ञान दे चानन ने किते दूर दिला दे हनेरे
रूह गद-गद हो गई है दातिया_ _ _ _ _

मन मोहनी सूरत है तेरी ऐ मेरे दिलदार
छो तेरे चरणा दि साईंया देवे स्वर्ग नजारा
मेरी बहा ना छोड़ी जी,  दात्या में लड़ लग गई तेरे
रूह गद-गद हो गई है दातिया_ _ _ _ _

 मेनू कमली रमली नु एने बिन वेखै अपनाया
ऐ जग तो सोहना ऐ नी ऑडियो में जो वर घर पाया
मेरी रूह रानी ने ले लाये हुन इंददे नाल फेरे
रूह गद-गद हो गई है दातिया_ _ _ _ _

मेरे ख्वाबो ख्याल च नही सी मेनू मिल जाऊ माहि सोहना
मेरे दिल दी तख्ती ते बैठा आन परोहणा
शहनाइयां वज उठिया नी जद ऐ आ वड़्या विच मेरे
 रूह गद-गद हो गई है दातिया_ _ _ _ _

कर मैहर उतारा ना ऐसी ज्ञान दी कर फुलकारी
तेरी सोच मुताबिक ही ढल जाये मेरी जिंदगी सारी
तेरी सेवा वस जाये हुन ता रोम-रोम विच मेरे
रूह गद-गद हो गई है दातिया_ _ _ _ _

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